शेयर बाजार में कोविड के बाद की सबसे बड़ी मंदी, सेंसेक्स 3914 और निफ्टी 1146 अंक फिसला

Published on: April 7, 2025

शेयर बाजार में कोविड के बाद की सबसे बड़ी मंदी, सेंसेक्स 3914 और निफ्टी 1146 अंक फिसला

इस सप्ताह वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसकी वजह डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियां रहीं। भारतीय बेंचमार्क इंडेक्ससेंसेक्स और निफ् क्रमशः 3,914 और 1,146 अंक गिरकर खुले, जो COVID-19 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट में से एक है। एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भी भारी बिकवाली देखी गई, जिससे ट्रिलियनों डॉलर का नुकसान हुआ। व्यापार युद्ध की आशंकाओं और ट्रंप की नीतियों के विरोध प्रदर्शनों ने आर्थिक अनिश्चितता को बढ़ा दिया है। रिलायंस और अडाणी ग्रुप जैसे प्रमुख शेयरों में दहशत के कारण दोहरे अंकों में गिरावट आई।

वैश्विक बाजारों में हड़कंप: ट्रंप के टैरिफ युद्ध के बीच भारतीय शेयर बाजार धराशायी

इस सप्ताह की शुरुआत वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट के साथ हुई, जिससे निवेशकों में दहशत फैल गई। भारतीय बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी क्रमशः 3,914 अंक और 1,146 अंक गिरकर खुले, जो अमेरिकी और एशियाई बाजारों में आई तबाही को दर्शाता है। इसकी वजह? डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीतियां, जिसने व्यापार युद्ध के डर को फिर से भड़का दिया है।


बाजारों में इतनी गिरावट क्यों?

  1. 1. ट्रंप के टैरिफ का झटका:
    अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने के फैसले ने एक चेन रिएक्शन शुरू कर दिया। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स 4.31% गिरा, जबकि नैस्डैक फ्यूचर्स में 5.45% की गिरावट आई, जिससे वैश्विक स्तर पर 6 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ। जापान का निक्केई 7.8% गिरा, और दक्षिण कोरिया का KOSPI 4.6% नीचे आया—यह बाजारों में फैले दहशत को दिखाता है।
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  3. 2. चीन की प्रतिक्रिया और व्यापार युद्ध का डर:
    चीन ने ट्रंप के फैसले की कड़ी आलोचना की, जिससे चिंताएं और बढ़ गईं। दोनों आर्थिक महाशक्तियों के बीच तनाव बढ़ने से वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ गया है। चीन-अमेरिका व्यापार पर निर्भर कंपनियों, खासकर टेक और विनिर्माण क्षेत्रों, को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।

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  5. 3. निवेशकों की दहशत:
    GIFT निफ्टी (भारतीय बाजार का अग्रिम संकेतक) प्री-मार्केट में 3% गिरा, जिससे खुलने पर भारी गिरावट का संकेत मिला। बाजार खुलते ही रिलायंस, अडाणी ग्रुप और बैंकिंग शेयरों में 10% तक की गिरावट देखी गई, जो निवेशकों के बीच भारी निराशा को दर्शाता है।


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COVID-19 के बाद भारत में सबसे बड़ी गिरावट

  1. सेंसेक्स 71,449.94 अंक पर खुला, जो 3,914.75 अंक की गिरावट को दिखाता है।

  2. निफ्टी 50, 21,758.40 अंक पर पहुंचा, जिसमें 1,146 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

  3. मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में और भी ज्यादा गिरावट देखी गई, कई शेयरों में लोअर सर्किट लग गया।

 

विश्लेषकों का कहना है कि यह महामारी के बाद का सबसे बड़ा एक दिवसीय क्रैश है, जो 2022 में यूक्रेन युद्ध के दौरान देखी गई गिरावट से भी ज्यादा है। हाल के दिनों में तेजी के दौरान शेयरों में निवेश करने वाले छोटे निवेशक अब फंस गए हैं।


वैश्विक स्तर पर प्रभाव

  • अमेरिका में विरोध प्रदर्शन: ट्रंप की नीतियों के खिलाफ कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए, जिससे राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ी।

  • मुद्रा बाजार में उथल-पुथल: विदेशी निवेशकों के पैसे निकालने से रुपया डॉलर के मुकाबले 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया।

  • कमोडिटी बाजार में अफरातफरी: तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से ऊर्जा क्षेत्र के शेयर प्रभावित हुए।


  • निष्कर्ष: ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक बाजारों में हलचल मचा दी है। अनिश्चितता के इस दौर में निवेशकों को और उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। अगले कुछ हफ्ते यह तय करेंगे कि यह एक अल्पकालिक झटका है या लंबे समय तक चलने वाले मंदी की शुरुआत

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