mahakumbh-2025

Published on: February 26, 2025

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व के साथ समापन हो रहा है। इस शुभ अवसर पर संगम तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में अंतिम शाही स्नान करने पहुंचे हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति का शुभ अवसर माना जाता है।

Published on: February 18, 2025

कुंभ मेला भारत का सबसे विशाल धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जिसे दुनिया के सबसे बड़े समागम के रूप में भी जाना जाता है। यह मेला सिर्फ एक धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और सनातन परंपराओं को जीवित रखने वाला एक महापर्व है। हिंदू धर्म में कुंभ मेला का अत्यधिक महत्व है, जहां करोड़ों श्रद्धालु, संत-महात्मा, अखाड़े और भक्तगण पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। इसे मोक्ष की प्राप्ति और आत्मशुद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। 2025 में महाकुंभ प्रयागराज में होगा, लेकिन इसके बाद अगला कुंभ मेला कहां और कब होगा, यह सवाल भी महत्वपूर्ण है।

Published on: February 15, 2025

प्रयागराज में आयोजित महा कुंभ 2025 का 33वां दिन है, और यह महापर्व अपने साथ कई ऐतिहासिक और अद्भुत घटनाओं को समेटे हुए है। इस बार का महा कुंभ न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस महाकुंभ में चार विश्व रिकॉर्ड बनने की संभावना है, जिसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम पहले ही संगम तट पर पहुंच चुकी है। यह महाकुंभ अपने आप में अनूठा है, क्योंकि इसमें कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनने की उम्मीद है, जो इसे इतिहास के पन्नों में एक विशेष स्थान दिलाएगा।

Published on: February 3, 2025

आज का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अतुलनीय है। जहां एक ओर बसंत पंचमी का उल्लास ज्ञान, संगीत और विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना के रूप में मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान करोड़ों श्रद्धालुओं को मोक्ष प्राप्ति का पुण्य अवसर प्रदान कर रहा है। इस दैवीय संयोग ने पूरे देश में भक्ति, आस्था और उत्साह का माहौल बना दिया है।

Published on: January 29, 2025

प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के समय भारी भीड़ के दबाव से भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की आशंका है। प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात कर दिया है और यात्रा प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया गया है।

Published on: January 27, 2025

महाकुंभ 2025 का भव्य आयोजन जहां करोड़ों श्रद्धालुओं को गंगा किनारे लेकर आया, वहीं इसका आकर्षण अब अंतरिक्ष तक पहुंच गया है। हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से ली गई महाकुंभ की तस्वीरें चर्चा का विषय बन गई हैं। इन तस्वीरों में महाकुंभ का विशाल आयोजन, रंगीन रोशनी और गंगा किनारे फैले श्रद्धालुओं की भीड़ का अद्भुत नजारा कैद हुआ है।

अंतरिक्ष से कैसा दिखा महाकुंभ?

ISS पर मौजूद खगोलविदों ने जब भारत के उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की ओर कैमरा घुमाया, तो उन्हें गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर बसे इस पवित्र आयोजन की जगमगाहट दिखी।

Published on: January 25, 2025

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, नदियों के संगम के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन स्थल होने के कारण यह धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान है। प्रतिवर्ष लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक संगम का दर्शन करने यहां आते हैं। संगम तक पहुंचने के लिए प्रयागराज में कई रेलवे स्टेशन हैं, लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि कौन सा स्टेशन संगम के सबसे नजदीक है। यहां हम प्रयागराज के प्रमुख रेलवे स्टेशनों की दूरी और उनकी सुविधाओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

Published on: January 17, 2025

भारत की पावन धरती पर आयोजित होने वाला प्रयागराज महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है, बल्कि इसकी अद्वितीयता और भव्यता पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित करती है। 12 वर्षों के अंतराल पर संगम नगरी प्रयागराज में होने वाला यह महायोजन श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था, संस्कृति और परंपराओं का संगम है।