Business and share market

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों की सुविधा के लिए "MITRA" (Mutual Fund Investment Tracing and Retrieval Assistant) नामक एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया है। यह उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन पहल है जो अपने पुराने, निष्क्रिय या बिना दावे वाले म्यूचुअल फंड निवेशों को ढूंढने और पुनः प्राप्त करने में कठिनाई का सामना कर रहे थे। SEBI की इस नई पहल का उद्देश्य निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और सुरक्षा प्रदान करना है।

Adani Group ने हेल्थकेयर क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए 6,000 करोड़ रुपये की एक महत्वाकांक्षी हेल्थ सिटी परियोजना की घोषणा की है। गौतम अडानी की अगुवाई में यह परियोजना भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित करने का वादा करती है। यह कदम न केवल अडानी ग्रुप के विविधीकरण को दर्शाता है, बल्कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है।

आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वर्ष 2025 में अपनी नवीनतम मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती करते हुए इसे 6.25% कर दिया है। यह निर्णय देश की आर्थिक स्थिति, मुद्रास्फीति दर और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

भारत की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने डिजिटल और क्रिप्टो करेंसी की दुनिया में कदम रखते हुए अपना खुद का क्रिप्टो टोकन "Jio Coin" लॉन्च किया है। यह कदम कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सेवाओं को और अधिक उन्नत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है। जियो के इस नए टोकन के लॉन्च के बाद, उपयोगकर्ताओं को डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में एक नई सुविधा का अनुभव मिलेगा।

भारत की अग्रणी आईटी कंपनियों में से एक, इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि को इस वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही तक स्थगित कर दिया है। यह निर्णय वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और आईटी सेवाओं की धीमी मांग के चलते लिया गया है। आमतौर पर, इंफोसिस हर साल अप्रैल या मई में वेतन वृद्धि लागू करती है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया जनवरी और अप्रैल 2025 के बीच चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

अडानी समूह ने अपने खाद्य तेल और उपभोक्ता वस्त्र ब्रांड अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) में 44% हिस्सेदारी बेचने का बड़ा फैसला लिया है। यह बिक्री समूह के बुनियादी ढांचा और ऊर्जा परियोजनाओं पर फोकस बढ़ाने के रणनीतिक कदम का हिस्सा है। इस हिस्सेदारी की कुल कीमत लगभग ₹18,817 करोड़ (करीब $2 बिलियन) आंकी गई है।

कैसे होगी हिस्सेदारी की बिक्री?

समूह अपनी हिस्सेदारी दो चरणों में बेचेगा:

ओला इलेक्ट्रिक(OLA Electric) ने हाल ही में अपने दो बड़े अधिकारियों के इस्तीफे के बाद शेयर बाजार में बड़ी गिरावट का सामना किया। कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (सीएमओ) अंशुल खंडेलवाल और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (सीटीओ) सुवोनिल चटर्जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इन इस्तीफों का असर सीधे ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों पर पड़ा है, जो लगभग 3% गिरकर 87.35 रुपये पर पहुंच गए।

गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 को क्रिसमस की छुट्टियों के बाद भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक रुख के साथ शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी दोनों ग्रीन जोन में खुले। बाजार खुलते ही सेंसेक्स ने 400 अंकों की बढ़त के साथ तेजी दिखाई, जबकि निफ्टी में 119 अंकों की उछाल देखी गई।

शुरुआती तेजी: बैंकिंग शेयरों का दबदबा

बाजार खुलने के साथ ही बैंकिंग सेक्टर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।