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17 दिसंबर 2024 को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी और घरेलू आर्थिक आंकड़ों के दबाव के कारण बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई।
सेंसेक्स में लगभग 950 अंकों की गिरावट आई और यह 80,984 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी लगभग 300 अंक टूटकर 24,400 के नीचे आ गया। शुरुआती कारोबार में बाजार थोड़ी स्थिरता के साथ खुला था, लेकिन दोपहर के समय बिकवाली का दबाव बढ़ गया, जिससे बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई।
गिरावट के प्रमुख कारण:
- वैश्विक बाजारों का दबाव:
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को लेकर आने वाले फैसले से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कमजोरी का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। - विदेशी निवेशकों की बिकवाली:
एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) लगातार भारतीय बाजार से अपनी पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ गया। दिसंबर के मध्य में भारी पूंजी निकासी देखी गई। - घरेलू आर्थिक आंकड़े:
हाल ही में आए कुछ घरेलू आर्थिक आंकड़े निवेशकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। औद्योगिक उत्पादन और महंगाई के आंकड़ों ने बाजार की धारणा को कमजोर किया। - बैंकिंग और आईटी सेक्टर में गिरावट:
बैंकिंग और आईटी सेक्टर के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। बैंक निफ्टी 12 में से सभी शेयरों में गिरावट के साथ बंद हुआ। एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। - कच्चे तेल की कीमतों में उछाल:
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी ने भी बाजार पर दबाव डाला। इससे कंपनियों की लागत बढ़ने की आशंका बढ़ गई।
सेक्टोरल प्रदर्शन:
- बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में गिरावट: सबसे ज्यादा नुकसान बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में हुआ।
- आईटी सेक्टर: तकनीकी शेयरों में कमजोरी रही।
- धातु और ऊर्जा: इन क्षेत्रों में भी बिकवाली का माहौल बना रहा।
निवेशकों को सलाह:
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा गिरावट निवेशकों के लिए दीर्घकालिक निवेश का अवसर हो सकती है। हालांकि, बाजार की अस्थिरता को देखते हुए सतर्क रहने की आवश्यकता है। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में गुणवत्ता वाले शेयरों को शामिल करने पर ध्यान देना चाहिए।
17 दिसंबर 2024 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। वैश्विक और घरेलू कारकों के संयुक्त प्रभाव ने बाजार को कमजोर कर दिया। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में बाजार में स्थिरता लौट सकती है।