Published on: January 6, 2025

भारत की अग्रणी आईटी कंपनियों में से एक, इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों के लिए वार्षिक वेतन वृद्धि को इस वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही तक स्थगित कर दिया है। यह निर्णय वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और आईटी सेवाओं की धीमी मांग के चलते लिया गया है। आमतौर पर, इंफोसिस हर साल अप्रैल या मई में वेतन वृद्धि लागू करती है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया जनवरी और अप्रैल 2025 के बीच चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।
सैलरी हाइक में देरी का कारण
इंफोसिस के मुख्य वित्तीय अधिकारी जयेश संघराजका ने वित्तीय रिपोर्ट के दौरान इस निर्णय के पीछे की वजहों को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि क्लाइंट्स के बजट में कटौती और प्रोजेक्ट डिलीवरी में देरी के कारण कंपनी को यह कदम उठाना पड़ा। इसके अतिरिक्त, आईटी उद्योग में लागत प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
वैश्विक स्तर पर आईटी उद्योग में मांग में गिरावट और मंदी के संकेतों ने कंपनियों को अपने मुनाफे को बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। इसके तहत इंफोसिस ने अपने खर्चों पर नियंत्रण रखने के लिए सैलरी हाइक को फिलहाल टालने का फैसला किया है।
दूसरी कंपनियों पर भी प्रभाव
इंफोसिस अकेली कंपनी नहीं है जिसने इस प्रकार का निर्णय लिया है। HCLTech, LTIMindtree, और L&T Technology Services जैसी अन्य आईटी कंपनियों ने भी अपने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि स्थगित की है। यह दिखाता है कि पूरा आईटी उद्योग वर्तमान में आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी कंपनियों में यह कदम इसलिए भी उठाया जा रहा है क्योंकि वर्तमान समय में नौकरी बदलने की प्रवृत्ति (Attrition Rate) कम हो गई है। इसका मतलब यह है कि कर्मचारियों के पास सीमित विकल्प हैं, जिससे कंपनियां अपने खर्चों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकती हैं।
कर्मचारियों की स्थिति
इंफोसिस के इस निर्णय से कर्मचारियों के मनोबल पर प्रभाव पड़ सकता है। सैलरी हाइक का इंतजार करने वाले हजारों कर्मचारियों को अब चौथी तिमाही तक इंतजार करना होगा। हालांकि, कंपनी ने यह आश्वासन दिया है कि वेतन वृद्धि चौथी तिमाही में लागू की जाएगी, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलेगी।

पिछली सैलरी हाइक और वित्तीय प्रदर्शन
पिछली बार इंफोसिस ने नवंबर 2023 में वेतन वृद्धि की थी। उस समय, कंपनी ने कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर वेतन में बढ़ोतरी की थी। इसके बावजूद, मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹6,506 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले तिमाही से 2.2% अधिक था।
हालांकि, दिसंबर तिमाही में कंपनी के मार्जिन पर दबाव बढ़ने की संभावना है, क्योंकि छुट्टियों के मौसम में कार्य दिवस कम होते हैं और प्रोजेक्ट डिलीवरी धीमी हो जाती है।
कंपनी का दृष्टिकोण
इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को यह भरोसा दिलाया है कि आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है। सैलरी हाइक की प्रक्रिया को चौथी तिमाही में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही, कंपनी अपने कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता देने का वादा करती है।
भविष्य की राह
इंफोसिस का यह कदम उस समय आया है जब वैश्विक स्तर पर आईटी उद्योग चुनौतियों का सामना कर रहा है। हालांकि, कंपनी ने अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को बनाए रखने का इरादा जताया है।
इस प्रकार के निर्णय कंपनियों के लिए अल्पकालिक राहत प्रदान कर सकते हैं, लेकिन कर्मचारियों के मनोबल और विश्वास को बनाए रखना भी जरूरी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इंफोसिस और अन्य आईटी कंपनियां आने वाले समय में इन चुनौतियों से कैसे निपटती हैं।