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अयोध्या: भगवान रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान हुए एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के वार्षिक उत्सव को भव्य और दिव्य तरीके से मनाने की तैयारियों में जुटा हुआ है। राम मंदिर समिति मंदिर परिसर के बाहर भी धार्मिक अनुष्ठान करेगी। इस अवसर पर तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे, जो राम मंदिर परिसर में ही संपन्न होंगे। इन अनुष्ठानों के दौरान भगवान राम और उनसे संबंधित मंत्रों से आहुतियां दी जाएंगी। कहीं राम कथा का आयोजन होगा, तो कहीं वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन किया जाएगा।
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11 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी के दिन दोपहर 12:20 बजे भगवान रामलला का अभिषेक और आरती की जाएगी। यह वही शुभ मुहूर्त है, जब 22 जनवरी को भगवान रामलला को भव्य महल में विराजमान किया गया था। इस वर्ष 11 जनवरी से 13 जनवरी तक तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही प्राण प्रतिष्ठा के समय जो संत-महंत इस आयोजन में शामिल नहीं हो सके थे, उन्हें इस बार आमंत्रित करने के लिए विशेष सूची तैयार की जा रही है।
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राम मंदिर ट्रस्ट ने इस वार्षिक उत्सव के लिए 50 गृहस्थों की सूची भी बनाई है। ट्रस्ट का उद्देश्य है कि राम मंदिर परिसर के साथ-साथ मंदिर के बाहर भी धार्मिक अनुष्ठान को भव्य रूप से मनाया जाए। अंगद टीले पर आम जन की सहभागिता सुनिश्चित करने की भी योजना है।
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 11 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी पर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जाएगी। तीन दिवसीय धार्मिक अनुष्ठानों में 11, 12 और 13 जनवरी को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन अनुष्ठानों के तहत पांच अलग-अलग स्थानों पर धार्मिक गतिविधियां और कार्यक्रम होंगे। यज्ञ मंडप, रामलला के मंदिर परिसर, राम जन्मभूमि परिसर में स्थित यात्री सुविधा केंद्र, और अंगद टीले पर इन अनुष्ठानों का आयोजन होगा।
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मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम में केवल आमंत्रित सदस्य ही हिस्सा ले सकेंगे, जबकि मंदिर परिसर के बाहर आमजन भी अपनी सहभागिता दर्ज करा सकेंगे। धार्मिक अनुष्ठानों में शुक्ल यजुर्वेद माध्यंदिनी शाखा के 11 वैदिक ब्राह्मण मुख्य भूमिका निभाएंगे। ये ब्राह्मण 40 अध्यायों के 1,975 मंत्रों की आहुतियां अग्नि देव को समर्पित करेंगे।राम मंदिर ट्रस्ट का यह प्रयास है कि इस वार्षिक उत्सव को न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी भव्य और विशेष बनाया जाए।
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राम मंदिर में रामलला की पांच बार आरती होती है, जिनमें मंगला आरती, श्रृंगार आरती, राजभोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती शामिल हैं। दिन की शुरुआत मंगला आरती से होती है, जो सुबह 4:30 बजे होती है। वहीं, अंतिम आरती शयन आरती होती है, जो रात 10:00 बजे संपन्न होती है। अब हर दिन भक्त भगवान श्रीरामलला के दिव्य दर्शन का लाभ उठा सकते हैं।