Published on: April 16, 2025

Coca Cola, जिसे दुनिया एक आम कोल्ड ड्रिंक ब्रांड के रूप में जानती है, असल में एक ऐसा वर्जन भी तैयार करती है जो हर किसी के लिए नहीं होता। जी हाँ, आपने कभी गौर किया है एक ऐसी बोतल पर, जिसकी कैप आम लाल या काली नहीं बल्कि पीले रंग की होती है? यह कोई डिज़ाइन चॉइस नहीं, बल्कि एक धार्मिक नियम से जुड़ा संकेत है। इस बोतल को खास एक समुदाय के लिए तैयार किया जाता है, और इसका फ़ॉर्मूला बाकी कोका-कोला से थोड़ा अलग होता है। सवाल यह है: आखिर कौन सा धर्म है जो कोका-कोला को भी अपनी परंपराओं में ढाल देता है? और क्यों इस ड्रिंक को साल के कुछ खास दिनों में ही बनाया और बेचा जाता है? इसका रहस्य जानना दिलचस्प होगा।
कोका-कोला और धार्मिक आस्था का कनेक्शन
Coca Cola को आमतौर पर एक सामान्य शीतल पेय के रूप में देखा जाता है, लेकिन इसके कुछ विशेष संस्करण धार्मिक आस्थाओं को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण है पीली कैप वाली कोका-कोला की बोतल, जिसे खासतौर पर यहूदी समुदाय के लिए तैयार किया जाता है।
क्या है पीली कैप का मतलब?
पीली कैप केवल एक रंग नहीं, बल्कि एक धार्मिक संकेत है। यहूदी धर्म में "कोशर" (Kosher) खाने-पीने की वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, खासकर पासओवर (Passover) त्योहार के दौरान। इस त्योहार में कई सामान्य सामग्रियाँ जैसे मक्का (corn), गेहूं और स्टार्च आदि वर्जित मानी जाती हैं। इसलिए कोका-कोला एक विशेष रेसिपी के साथ इस पीली कैप वाली ड्रिंक को बनाती है, जिसमें इन प्रतिबंधित सामग्रियों की जगह उपयुक्त विकल्पों का इस्तेमाल होता है।
कैसे बनती है यह स्पेशल कोका-कोला?
इस खास कोल्ड ड्रिंक में मुख्यतः कैने (cane) शुगर का उपयोग किया जाता है, जबकि सामान्य कोका-कोला में अक्सर हाई फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप (HFCS) होता है। चूंकि कॉर्न उत्पाद पासओवर के दौरान वर्जित होते हैं, इसलिए पीली कैप वाली बोतल को "कोशर फॉर पासओवर" मान्यता प्राप्त होती है। इसे धार्मिक अधिकारी (Rabbi) द्वारा प्रमाणित किया जाता है।
यहूदी धर्म और "Kosher Coca-Cola" का कनेक्शन
पासओवर त्योहार में यहूदी लोग ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करते, जिसमें गेहूं, जौ, मक्का या स्टार्च का इस्तेमाल हुआ हो। सामान्य कोका-कोला में हाई फ्रक्टोज़ कॉर्न सिरप (HFCS) होता है, जो इन नियमों के अनुसार वर्जित है। इसलिए कोका-कोला एक खास रेसिपी से यह वर्जन तैयार करता है, जिसमें कैने शुगर (Cane Sugar) का प्रयोग किया जाता है और जिसे रब्बियों द्वारा "Kosher for Passover" घोषित किया जाता है।
निष्कर्ष
Coca Cola की पीली कैप वाली बोतल सिर्फ एक ड्रिंक नहीं, बल्कि संस्कृति, आस्था और परंपरा का अनोखा संगम है। यह दिखाता है कि ग्लोबल ब्रांड्स किस तरह धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हैं और अपनी प्रोडक्ट्स को उन मूल्यों के अनुरूप ढालते हैं। अगली बार जब आप कोल्ड ड्रिंक लें, तो शायद आपको उस पीली कैप में कुछ खास नज़र आए – एक पहचान, एक संस्कृति, और एक गहरी सोच।