Published on: March 8, 2025

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों को celebrate करने के साथ-साथ लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है। इस दिन को मनाने के दौरान गुलाबी रंग (Pink Color) का खास महत्व देखने को मिलता है। गुलाबी रंग को अक्सर महिलाओं का प्रतीक माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? आखिर गुलाबी रंग को महिलाओं से क्यों जोड़ा जाता है? इसके पीछे का कारण ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक है। आइए, इसके पीछे की कहानी को समझते हैं।
गुलाबी रंग का ऐतिहासिक संदर्भ
गुलाबी रंग का महिलाओं से जुड़ाव कोई पुरानी परंपरा नहीं है। 19वीं शताब्दी तक, गुलाबी रंग को किसी विशेष लिंग से जोड़कर नहीं देखा जाता था। उस समय, बच्चों के कपड़ों में गुलाबी और नीले रंग दोनों का इस्तेमाल होता था, लेकिन यह चुनाव लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि फैशन और व्यक्तिगत पसंद के आधार पर किया जाता था। कुछ संस्कृतियों में, गुलाबी रंग को मजबूती और साहस का प्रतीक माना जाता था, जबकि नीला रंग कोमलता और शांति का प्रतीक था।
20वीं शताब्दी के शुरुआत में, यूरोप और अमेरिका में गुलाबी और नीले रंग को लिंग से जोड़ने की प्रथा शुरू हुई। हालांकि, उस समय भी यह नियम स्थिर नहीं था। कुछ जगहों पर गुलाबी रंग को लड़कों से जोड़ा जाता था, क्योंकि इसे मजबूत और जीवंत रंग माना जाता था, जबकि नीले रंग को लड़कियों के लिए उपयुक्त माना जाता था, क्योंकि यह कोमल और शांतिपूर्ण था।

गुलाबी रंग का महिलाओं से जुड़ाव कैसे हुआ?
गुलाबी रंग का महिलाओं से जुड़ाव 20वीं शताब्दी के मध्य में हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, पश्चिमी देशों में उपभोक्तावाद का उदय हुआ और विपणन रणनीतियों ने लिंग-आधारित उत्पादों को बढ़ावा देना शुरू किया। इस दौरान, गुलाबी रंग को महिलाओं और लड़कियों के लिए विशेष रूप से प्रचारित किया जाने लगा। विज्ञापनों और मीडिया ने गुलाबी रंग को महिलाओं की कोमलता, सुंदरता और लालित्य से जोड़कर प्रस्तुत किया।
1950 के दशक में, अमेरिका में फर्स्ट लेडी मैमी आइजनहावर ने गुलाबी रंग की पोशाक पहनकर एक फैशन ट्रेंड शुरू किया, जिसने गुलाबी रंग को महिलाओं के लिए एक आदर्श रंग के रूप में स्थापित कर दिया। इसके बाद, फिल्मों, टेलीविजन और फैशन उद्योग ने गुलाबी रंग को महिलाओं की पहचान के रूप में मजबूती से स्थापित कर दिया।
सांस्कृतिक प्रभाव और आधुनिक समय
समय के साथ, गुलाबी रंग का महिलाओं से जुड़ाव और भी मजबूत हुआ। आधुनिक समय में, यह रंग न केवल फैशन और सौंदर्य उत्पादों में, बल्कि सामाजिक आंदोलनों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, स्तन कैंसर जागरूकता अभियान में गुलाबी रिबन का उपयोग किया जाता है, जो इस रंग को महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वास्थ्य से जोड़ता है।
हालांकि, आजकल लिंग-आधारित रंगों के प्रति लोगों की सोच बदल रही है। कई लोग गुलाबी और नीले रंग को लिंग से जोड़ने के पारंपरिक विचार को चुनौती दे रहे हैं और इन रंगों को सभी के लिए खुला मानते हैं। यह बदलाव समाज में लैंगिक समानता और स्वतंत्रता की ओर एक सकारात्मक कदम है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और गुलाबी रंग
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दौरान गुलाबी रंग का खास महत्व होता है। यह रंग महिलाओं की कोमलता, साहस और सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है। इस दिन, गुलाबी रंग के कपड़े पहनने, गुलाबी रिबन लगाने और गुलाबी रंग के सजावटी सामान का उपयोग करने की परंपरा है। यह रंग महिलाओं की एकजुटता और उनके संघर्षों को दर्शाता है।
गुलाबी रंग का महिलाओं से जुड़ाव एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रक्रिया का परिणाम है, जो समय के साथ विकसित हुआ है। यह रंग आज भी महिलाओं की कोमलता, सुंदरता और सशक्तिकरण का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, आधुनिक समय में लिंग-आधारित रंगों के प्रति लोगों की सोच बदल रही है, और गुलाबी रंग अब केवल महिलाओं तक सीमित नहीं है। यह रंग अब सभी के लिए है, और यह बदलाव समाज की प्रगति को दर्शाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के इस खास मौके पर, गुलाबी रंग हमें महिलाओं की ताकत और उनके योगदान की याद दिलाता है।