Published on: December 4, 2024

महाराष्ट्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर राज्यव्यापी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। डॉ. अंबेडकर, जिन्हें "भारत रत्न" से सम्मानित किया गया था, भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रमुख प्रवक्ता थे। इस निर्णय से डॉ. अंबेडकर के योगदान को सम्मान देने और उनकी स्मृति को जीवित रखने का उद्देश्य है।
आधिकारिक घोषणा
राज्य सरकार ने इस फैसले को लेकर एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें 6 दिसंबर को सभी सरकारी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में अवकाश रहेगा। यह दिन मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि पर लाखों अनुयायियों के एकत्रित होने का भी गवाह बनेगा, जो बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं।

डॉ. अंबेडकर का योगदान
डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय समाज में समानता और सामाजिक न्याय के प्रणेता थे। उन्होंने न केवल दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, बल्कि भारतीय संविधान का निर्माण कर एक ऐसे समाज की नींव रखी, जो समावेशी और न्यायपूर्ण हो। उनके विचार और आदर्श आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं।
6 दिसंबर: महापरिनिर्वाण दिवस
डॉ. अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। यह दिन उनके अनुयायियों और देशभर के नागरिकों द्वारा "महापरिनिर्वाण दिवस" के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन चैत्यभूमि पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
सरकार की पहल
यह अवकाश न केवल डॉ. अंबेडकर के योगदान का सम्मान है, बल्कि यह उनके विचारों और आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक प्रयास है। राज्य सरकार के इस कदम का सामाजिक संगठनों और नागरिकों द्वारा स्वागत किया जा रहा है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय डॉ. अंबेडकर की विरासत को सशक्त बनाने और उनके सामाजिक न्याय के संदेश को फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिन सभी के लिए प्रेरणा और आत्मविश्लेषण का अवसर होगा, ताकि एक समान और न्यायपूर्ण समाज का निर्माण किया जा सके।