Published on: December 28, 2024

शतरंज की दुनिया के दिग्गज मैग्नस कार्लसन, जो अपनी असाधारण खेल प्रतिभा और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं, हाल ही में एक विवाद का केंद्र बन गए। यह विवाद 2024 विश्व रैपिड और ब्लिट्ज चैंपियनशिप के दौरान सामने आया, जब कार्लसन को ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया।
क्या है पूरा मामला?
चैंपियनशिप के दौरान, FIDE (अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ) के ड्रेस कोड नियमों का पालन करना सभी खिलाड़ियों के लिए अनिवार्य है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्लसन ने जींस पहनकर इस ड्रेस कोड का उल्लंघन किया। नियमों के तहत, जींस को टूर्नामेंट के लिए "अनौपचारिक" और "अस्वीकार्य" माना जाता है।
प्रतियोगिता के निर्णायकों ने कार्लसन से अनुरोध किया कि वह नियमों के अनुरूप कपड़े पहनें, लेकिन उन्होंने इस अनुरोध को ठुकरा दिया। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें टूर्नामेंट के नौवें राउंड से अयोग्य घोषित कर दिया गया और उन पर 200 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया गया।
कार्लसन की प्रतिक्रिया
इस निर्णय से नाखुश कार्लसन ने इसे "हास्यास्पद" करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और FIDE के नियमों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह नियम उनकी स्वतंत्रता और व्यक्तित्व को सीमित करता है। उन्होंने इस घटना को "अनुचित और कठोर" बताते हुए ब्लिट्ज सेक्शन से भी बाहर होने का फैसला किया।

FIDE का पक्ष
FIDE ने अपने बयान में कहा कि ड्रेस कोड नियम खिलाड़ियों के आयोग द्वारा तय किए गए हैं, जिसमें अनुभवी ग्रैंडमास्टर्स और विशेषज्ञ शामिल हैं। ये नियम वर्षों से लागू हैं, और सभी खिलाड़ियों को इसके बारे में पहले से जानकारी दी जाती है। महासंघ ने यह भी कहा कि यह नियम शतरंज की गरिमा बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं।
विवाद के प्रभाव
इस विवाद ने शतरंज की दुनिया में "ड्रेस कोड की प्रासंगिकता" पर नई बहस छेड़ दी है। कई खिलाड़ी और प्रशंसक इसे आवश्यकता से अधिक सख्त मानते हैं। दूसरी ओर, कुछ लोग मानते हैं कि पेशेवर माहौल बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना उचित है।
कार्लसन का यह विवाद शतरंज की दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि FIDE इस घटना के बाद अपने नियमों में कोई बदलाव करती है या नहीं।