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गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 को क्रिसमस की छुट्टियों के बाद भारतीय शेयर बाजार ने सकारात्मक रुख के साथ शुरुआत की। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी दोनों ग्रीन जोन में खुले। बाजार खुलते ही सेंसेक्स ने 400 अंकों की बढ़त के साथ तेजी दिखाई, जबकि निफ्टी में 119 अंकों की उछाल देखी गई।
शुरुआती तेजी: बैंकिंग शेयरों का दबदबा
बाजार खुलने के साथ ही बैंकिंग सेक्टर में जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
- ICICI बैंक, SBI, Kotak Mahindra बैंक, HDFC बैंक, और Axis बैंक जैसे दिग्गज शेयरों में तगड़ी तेजी दर्ज की गई।
- IDFC First Bank, Bank of India, और Federal Bank जैसे मिड-साइज बैंकिंग शेयर भी बढ़त के साथ कारोबार करते नजर आए।
सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में अपने पिछले बंद स्तर 78,472.87 से उछलकर 78,557.28 पर ओपन किया और कुछ ही मिनटों में 78,892.67 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया। इसी तरह, निफ्टी ने 23,846.90 पर कारोबार किया, जो कि सुबह के समय लगभग 119 अंकों की बढ़त को दर्शाता है।
बाजार का पलटा रुख
हालांकि, यह शुरुआती तेजी ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सकी।
- सुबह 10:26 बजे, सेंसेक्स की बढ़त घटकर केवल 20 अंकों तक सीमित हो गई।
- निवेशकों ने मुनाफावसूली (Profit Booking) शुरू कर दी, जिससे बाजार का रुख नकारात्मक हो गया।
- निफ्टी भी अपने उच्चतम स्तर से फिसलकर निचले स्तर पर ट्रेड करता नजर आया।
कितने शेयर बढ़े और कितने गिरे?
गुरुवार के शुरुआती सत्र में 1674 शेयर ग्रीन जोन में खुले, जबकि 857 शेयर लाल निशान पर रहे। इसके अलावा, 182 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
- बढ़त वाले प्रमुख शेयरों में बैंकिंग और आईटी कंपनियां शामिल थीं।
- वहीं, मेटल और फार्मा सेक्टर के कुछ शेयरों में गिरावट दर्ज की गई।
विशेषज्ञों की राय
शेयर बाजार में इस प्रकार के उतार-चढ़ाव को सामान्य बताया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि:
- वैश्विक बाजारों के दबाव और डॉलर की मजबूती ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला।
- मुनाफावसूली के कारण बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा।
- लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि बाजार में दीर्घकालिक स्थिरता बनी रह सकती है।
निवेशकों के लिए सुझाव
- स्टॉप-लॉस का उपयोग करें: गिरावट से बचने के लिए स्टॉप-लॉस सेट करें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश करें: मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों पर ध्यान दें।
- वैश्विक संकेतों पर नजर रखें: अमेरिकी बाजारों और एशियाई बाजारों की चाल भारतीय बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकती है।