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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने हरियाणा से राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में रेखा शर्मा, जो कि राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की पूर्व अध्यक्ष रही हैं, का नाम घोषित किया है। रेखा शर्मा ने अगस्त 2024 में NCW के प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था। उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं और महिला सशक्तिकरण के लिए लगातार काम किया। इसके बावजूद, उन्हें कुछ विवादों का भी सामना करना पड़ा, खासकर उन आरोपों के कारण जो बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर उनकी चुप्पी को लेकर उठे थे।
रेखा शर्मा की राज्यसभा के लिए उम्मीदवारी को बीजेपी का एक बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि वह अब एक नए राजनीतिक सफर की शुरुआत करने जा रही हैं। उनकी नियुक्ति से पार्टी को एक सशक्त महिला नेता के रूप में पहचान मिल सकती है, जो महिलाओं के मुद्दों पर गंभीरता से काम कर सकती हैं।
रेखा शर्मा का राजनीतिक जीवन विवादों से रहित नहीं रहा है। जब वह NCW की अध्यक्ष थीं, तो उन्हें कई बार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, खासकर उन मुद्दों पर जहां उन्होंने बीजेपी शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों पर गंभीर कदम उठाने में देरी की। खासतौर पर मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और असम में महिलाओं के अधिकारों पर सवाल उठने के बावजूद उनकी स्थिति को लेकर सवाल उठे। इसके बावजूद, शर्मा ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद की और कई ऐसे मामलों में हस्तक्षेप किया, जिनमें महिला अपराधों की जांच और निवारण की आवश्यकता थी।
बीजेपी ने रेखा शर्मा पर दांव लगाया है, यह संकेत देता है कि पार्टी महिला नेताओं को राजनीति में और अधिक स्थान देने के प्रति गंभीर है। उनके अनुभव और NCW के प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल ने उन्हें महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर गहरी समझ दी है, जो पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। रेखा शर्मा की राज्यसभा में नियुक्ति से यह भी संकेत मिलता है कि बीजेपी महिलाओं के मामलों को लेकर अधिक संवेदनशील है और उसे अपनी नीतियों के तहत महिलाओं के अधिकारों के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता महसूस होती है।
यह कदम बीजेपी के लिए एक रणनीतिक दिशा हो सकती है, जिसमें महिला नेताओं की भूमिका को बढ़ावा देना और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर पार्टी की छवि को मजबूत करना शामिल है। रेखा शर्मा का यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारतीय राजनीति में महिलाओं की स्थिति को भी नया मोड़ देने की संभावना रखता है।