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पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एस.एम.कृष्णा का 10 दिसंबर 2024 को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके निधन के बाद कर्नाटक सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
राजनीतिक करियर और योगदान
एस.एम. कृष्णा ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कर्नाटक और भारत के विकास में बड़ा योगदान दिया। 1999 से 2004 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने बेंगलुरु को "भारत की सिलिकॉन वैली" के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की। उन्होंने आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नीतियां लागू कीं, जिससे राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए।
मुख्यमंत्री के अलावा, कृष्णा ने केंद्रीय विदेश मंत्री (2009-2012) और महाराष्ट्र के राज्यपाल (2004-2008) के रूप में भी कार्य किया। उनके कार्यकाल में उन्होंने कूटनीति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और भारत के वैश्विक संबंधों को मजबूत किया।
सम्मान और विरासत
2023 में, उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण, से सम्मानित किया गया। उनके निधन के बाद राजनीतिक दलों और आम जनता ने उनकी सेवाओं को याद करते हुए शोक व्यक्त किया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "कर्नाटक हमेशा उनके योगदान के लिए ऋणी रहेगा।"
व्यक्तिगत जीवन
कृष्णा अपने पीछे अपनी पत्नी प्रेमा और दो बेटियां छोड़ गए हैं। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया उनके पैतृक स्थान मड्डूर में पूरी की जाएगी।
एस.एम. कृष्णा का जीवन और योगदान देश की राजनीति और विकास में उनके अमूल्य योगदान की याद दिलाता है। उनका दूरदर्शी नेतृत्व और नीतियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेंगी।