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आज सुबह 5:36 बजे, दिल्ली-एनसीआर में जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। झटकों की तीव्रता इतनी प्रबल थी कि गहरी नींद में सो रहे लोग अचानक घबराकर जाग गए और सुरक्षित स्थानों की ओर दौड़ पड़े। कंपन की तीव्रता के कारण कई ऊंची इमारतें डगमगाने लगीं, जिससे नागरिकों में दहशत फैल गई। विशेषज्ञों के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई, हालांकि अब तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं मिली है।
भूकंप के झटके करीब 4 से 5 सेकंड तक लगातार महसूस किए गए, जिसमें पहला झटका बेहद तेज था, जिसके बाद कुछ हल्के आफ्टरशॉक्स भी आए। भूकंप का असर इतना अप्रत्याशित था कि लोग बिना देर किए घरों से बाहर निकलकर सड़कों और खुले स्थानों पर इकट्ठा होने लगे। कई इलाकों में घबराहट के चलते लोगों ने अपने परिजनों और परिचितों को फोन कर हालचाल लेना शुरू कर दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन-4 में आता है, जहां भूकंप की घटनाएं आम हैं, लेकिन आज का कंपन लोगों को झकझोर देने वाला था। वैज्ञानिकों ने आफ्टरशॉक्स की संभावना जताई है, इसलिए प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं के दौरान घबराने की बजाय सतर्क रहना और सुरक्षा के बुनियादी नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है।
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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके, लोगों में दहशत
दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों में आज आए भूकंप ने लोगों को भयभीत कर दिया। भूकंप का केंद्र सतह से करीब 5 किलोमीटर नीचे था, जिससे झटकों की तीव्रता अधिक महसूस हुई। खासकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों में अधिक घबराहट देखी गई। कंपन इतनी तेज़ थी कि कई लोग अपने घरों से निकलने में असमर्थ रहे और जब तक झटके थमे नहीं, तब तक स्थिति को समझने की कोशिश करते रहे। राहत की बात यह रही कि अब तक किसी तरह की जनहानि या बड़े नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नई दिल्ली के निकट था, लेकिन इसका असर दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, मेरठ और बुलंदशहर जैसे कई इलाकों में महसूस किया गया। भूकंप के साथ एक तेज़ आवाज़ भी आई, जिसने लोगों की घबराहट को और बढ़ा दिया। सड़क पर चलते लोग भी एक पल के लिए ठिठक गए और भयभीत होकर इधर-उधर देखने लगे।
क्या यह बड़े खतरे की आहट है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में हाल के वर्षों में लगातार महसूस किए जा रहे भूकंप भविष्य में किसी बड़ी आपदा की ओर इशारा कर सकते हैं। भारत को भूकंपीय संवेदनशीलता के आधार पर पांच ज़ोन में बांटा गया है। हिमालयी क्षेत्र और उससे सटे इलाकों को सबसे खतरनाक ज़ोन-5 में रखा गया है, जबकि दिल्ली-एनसीआर ज़ोन-4 में आता है, जो उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, बार-बार आ रहे भूकंप इस बात का संकेत हो सकते हैं कि धरती के अंदर ऊर्जा का संचय हो रहा है, जो कभी भी एक बड़े भूकंप के रूप में सामने आ सकता है। घनी आबादी वाले दिल्ली-एनसीआर में इमारतों और आधारभूत संरचनाओं की मजबूती सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है। ऐसे में प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहते हुए भूकंप सुरक्षा के सभी मानकों का पालन करना चाहिए, ताकि किसी भी संभावित आपदा से जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जा सके।