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तमिलनाडु में एक नया राजनीतिक विवाद छिड़ गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रकाशित एक कार्टून को लेकर शुरू हुआ है। तमिल पत्रिका 'विकटन' ने हाल ही में पीएम मोदी पर एक कार्टून प्रकाशित किया, जिसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आपत्तिजनक और अपमानजनक बताया। इसके बाद, BJP कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते 'विकटन' की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया। यह घटना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक व्यंग्य के बीच की पेचीदगी को उजागर करती है।
विवाद की शुरुआत
'विकटन' तमिलनाडु की एक प्रसिद्ध पत्रिका है, जो अपने राजनीतिक और सामाजिक विषयों पर व्यंग्यात्मक कार्टून प्रकाशित करने के लिए जानी जाती है। हाल ही में, पत्रिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक कार्टून प्रकाशित किया, जिसमें उन्हें एक विशेष संदर्भ में दिखाया गया था। इस कार्टून को लेकर BJP ने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने और उनका मजाक उड़ाने के इरादे से बनाया गया था।
BJP का विरोध और वेबसाइट ब्लॉक
तमिलनाडु BJP ने इस कार्टून को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह कार्टून न केवल अनुचित है, बल्कि यह देश के प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है। BJP के विरोध प्रदर्शन के बाद, 'विकटन' की वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह कार्रवाई सरकारी स्तर पर की गई है या नहीं।
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'विकटन' का पक्ष
'विकटन' ने अपने बचाव में कहा है कि उनका कार्टून राजनीतिक व्यंग्य का एक रूप है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है। पत्रिका ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ की गई कार्रवाई लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। उन्होंने कहा कि व्यंग्य और कार्टून किसी व्यक्ति या पार्टी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा को प्रोत्साहित करने के लिए होते हैं।
इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर BJP और उसके समर्थकों ने 'विकटन' की आलोचना की है, वहीं दूसरी ओर, कई लोगों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का पक्ष लेते हुए पत्रिका का समर्थन किया है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई सरकार द्वारा मीडिया की आजादी को दबाने का एक प्रयास है।