हनुमान जयंती 2025: जब हनुमान जी बने पंचमुखी, जानिए पाताल लोक की रोमांचक कथा

Published on: April 12, 2025

हनुमान जयंती 2025: जब हनुमान जी बने पंचमुखी, जानिए पाताल लोक की रोमांचक कथा

हनुमान जयंती 2025 इस बार 12 अप्रैल को मनाई जा रही है और इस पावन अवसर पर पंचमुखी हनुमान के रूप की चर्चा विशेष रूप से होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान ने पाताल लोक में राक्षस अहिरावण का वध करने के लिए पंचमुखी अवतार धारण किया था। इस रूप में उन्होंने पांच दिशाओं में जल रहे दीपकों को एक साथ बुझाया और प्रभु श्रीराम एवं लक्ष्मण को मुक्त कराया। यह कथा न सिर्फ रोमांचक है बल्कि यह हनुमान जी के अद्वितीय पराक्रम और भक्ति का प्रतीक भी है।

हनुमान जयंती 2025: पंचमुखी अवतार की अद्भुत कथा

हनुमान जयंती, जो इस वर्ष 12 अप्रैल 2025 को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है, भक्तों के लिए आस्था, शक्ति और भक्ति का महापर्व है। इस दिन भगवान हनुमान के विभिन्न रूपों की पूजा होती है, लेकिन पंचमुखी हनुमान का स्वरूप विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है। यह रूप सिर्फ अलौकिक ही नहीं, बल्कि अत्यंत रहस्यमयी और शक्तिशाली भी माना जाता है।


पौराणिक कथा: अहिरावण का वध और पंचमुखी अवतार

रामायण काल की एक महत्वपूर्ण घटना के अनुसार, रावण के भाई अहिरावण, जो कि पाताल लोक का शासक और महान तांत्रिक था, ने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक में बंदी बना लिया था। उसका उद्देश्य था—दोनों भाइयों की बलि देकर अमरता प्राप्त करना।

जब यह बात हनुमान जी को पता चली, तो वे तुरंत पाताल लोक की ओर चल पड़े। वहां उन्होंने देखा कि अहिरावण की रक्षा के लिए पांच दिशाओं में पांच दिव्य दीपक जलाए गए हैं। इन दीपकों को एक साथ बुझाए बिना अहिरावण का वध असंभव था।

 

क्यों लिया पंचमुखी रूप?

हनुमान जी ने संकट की घड़ी में पंचमुखी अवतार लिया ताकि वे एक साथ पांचों दीपकों को बुझा सकें। यह रूप अपने आप में अद्वितीय और दिव्य था।

पंचमुखी हनुमान के पांच मुख और उनके महत्व:

  1. पूर्व दिशा – हनुमान मुख: बल, भक्ति और विजय का प्रतीक।

  2. दक्षिण दिशा – नरसिंह मुख: दुष्टों के विनाशक और न्याय के रक्षक।

  3. पश्चिम दिशा – गरुड़ मुख: विष और भय का नाश करने वाले।

  4. उत्तर दिशा – वराह मुख: धर्म और पृथ्वी के रक्षक।

  5. ऊर्ध्व दिशा – हयग्रीव मुख: ज्ञान और विवेक के दाता।

इन सभी मुखों के माध्यम से हनुमान जी ने पांचों दीपकों को एक ही क्षण में बुझाया और अहिरावण का अंत कर दिया। इसके बाद राम और लक्ष्मण को मुक्त करवाया।


पंचमुखी हनुमान जी की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है, मानसिक बल मिलता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ और पंचमुखी हनुमान की आरती विशेष फलदायी मानी जाती है।

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