Published on: May 14, 2025

टोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और विश्व स्तरीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को प्रादेशिक सेना (Territorial Army) में लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel) की मानद रैंक से सम्मानित किया गया है। यह नियुक्ति 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी मानी गई है, जिसकी पुष्टि भारत सरकार के Gazette of India में की गई है। इस नई ज़िम्मेदारी के साथ नीरज अब सेना के अनुशासन और खेल के जुनून का मेल दिखाते हुए देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बनेंगे। इसके साथ ही वे 23 मई से एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले हैं।
व्यक्तिगत जानकारी और पारिवारिक पृष्ठभूमि
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा के पानीपत ज़िले के छोटे से गांव खांद्रा में हुआ। वे एक किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता सतीश कुमार खेती करते हैं और माता सरोज देवी एक गृहिणी हैं। संयुक्त परिवार में पले-बढ़े नीरज को बचपन में वजन अधिक होने के कारण कई बार तानों का सामना करना पड़ा, जिससे प्रेरित होकर उन्होंने फिटनेस पर काम करना शुरू किया।
शुरुआत में जिम में वर्कआउट किया, लेकिन वहां की सीमित सुविधाओं ने उन्हें स्टेडियम की ओर मोड़ा। पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में जब उन्होंने पहली बार जैवलिन उठाया, तो मानो जीवन की दिशा ही बदल गई।
उपलब्धियां और पुरस्कार
नीरज चोपड़ा ने अब तक अनेक प्रतिष्ठित खेल आयोजनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और वहां अविश्वसनीय प्रदर्शन किया है:
2016: वर्ल्ड U20 चैम्पियनशिप (गोल्ड)
2018: कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स (गोल्ड)
2021: टोक्यो ओलंपिक (गोल्ड - 87.58 मीटर)
2023: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (गोल्ड)
2024: पेरिस ओलंपिक (सिल्वर)
उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार, विशिष्ट सेवा मेडल (VSM), पद्म श्री और हाल ही में परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) से नवाज़ा गया है।
सेना में नीरज की भूमिका और नया पद
भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा को हाल ही में एक विशेष और सम्मानजनक जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो न केवल खेल जगत के लिए बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उन्हें प्रादेशिक सेना (Territorial Army) में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल (Lieutenant Colonel) की उपाधि प्रदान की गई है। यह नियुक्ति भारत सरकार के आधिकारिक दस्तावेज द गजट ऑफ इंडिया में 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी घोषित की गई है। इस घोषणा के अनुसार, यह सम्मान राष्ट्रपति द्वारा प्रादेशिक सेना विनियम 1948 के पैरा 31 के अंतर्गत प्रदान किया गया है।
नीरज चोपड़ा, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर देश का सिर गर्व से ऊंचा किया, अब एक नई भूमिका में देश की सेवा करेंगे। इससे पहले वे भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत थे, और उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM), पद्म श्री, तथा विशिष्ट सेवा मेडल (VSM) जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है। उनका गांव — खांद्रा, पानीपत (हरियाणा) — अब एक बार फिर राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बन गया है।
यह नियुक्ति खेल और सैन्य सेवा के अद्भुत संगम को दर्शाती है। नीरज अब न केवल खेल के मैदान में बल्कि सैन्य प्रेरणा के रूप में भी युवाओं के लिए आदर्श बनकर उभरेंगे। यह खबर SEO की दृष्टि से “नीरज चोपड़ा”, “प्रादेशिक सेना”, “लेफ्टिनेंट कर्नल”, और “भारतीय सेना में खेल खिलाड़ी” जैसे प्रमुख कीवर्ड को लक्षित करती है, जिससे यह गूगल पर उच्च रैंक पाने में सक्षम हो सकती है।
निष्कर्ष
नीरज चोपड़ा की यह नई भूमिका भारतीय सेना और देश के खेल जगत के लिए एक गर्व का विषय है। उनकी नियुक्ति सेना के खेल प्रकोष्ठ को मजबूती देगी और युवा सैनिकों को प्रेरित करेगी। नीरज ने पहले भी देश का नाम रोशन किया है और अब वह सेना के माध्यम से देश के भविष्य को संवारने में अपना योगदान देंगे।