Published on: May 16, 2025

चीन ने हाल ही में पाकिस्तान से हजारों गधे आयात करने का फैसला किया है, जिसने कई लोगों को हैरान कर दिया है। इसकी मुख्य वजह चीन में गधों की खाल (हाइड) की बढ़ती मांग है, जिसका उपयोग पारंपरिक चीनी दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। चीन के अपने गधों की आबादी में भारी गिरावट आई है, जिसके कारण उसे पाकिस्तान जैसे देशों से गधे आयात करने पड़ रहे हैं। यह सौदा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग का हिस्सा भी माना जा रहा है।
चीन में गधों की खाल की बढ़ती मांग
चीन द्वारा पाकिस्तान से गधे आयात करने का मुख्य कारण गधों की खाल (हाइड) की बढ़ती मांग है। चीनी पारंपरिक चिकित्सा (TCM) में गधे की खाल से बने जेलाटिन का उपयोग किया जाता है, जिसे "ईजियो" (Ejiao) कहा जाता है। यह एक कीमती पदार्थ माना जाता है और इसे एंटी-एजिंग, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने वाले और यौन स्वास्थ्य को सुधारने वाले उत्पादों में इस्तेमाल किया जाता है। चीन में इसकी मांग इतनी अधिक है कि देश में गधों की संख्या तेजी से घट रही है।
पिछले दो दशकों में चीन की गधे की आबादी लगभग 50% कम हो गई है, जिसके कारण उन्हें अफ्रीका और एशिया के देशों से गधे आयात करने पड़ रहे हैं। पाकिस्तान के साथ यह सौदा इसी कड़ी का हिस्सा है। चीन ने पाकिस्तान से लगभग 8,000 गधे खरीदने का समझौता किया है, जो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा आर्थिक अवसर भी है।
पाकिस्तान के लिए आर्थिक लाभ और चिंताएं
पाकिस्तान के लिए यह सौदा आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि चीन गधों के बदले अच्छी कीमत दे रहा है। पाकिस्तान में गधों की संख्या काफी अधिक है, और यहां के किसानों के लिए यह एक अतिरिक्त आय का स्रोत बन सकता है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगर गधों का निर्यात इसी तरह जारी रहा, तो पाकिस्तान में भी इनकी संख्या कम हो सकती है, जिससे कृषि और परिवहन क्षेत्र पर असर पड़ेगा।
गधे पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में सामान ढोने और खेती में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर इनकी संख्या कम होती है, तो गरीब किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, पशु अधिकार संगठन भी इस सौदे की आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि गधों को अक्सर खराब परिस्थितियों में रखा जाता है और उनकी खाल निकालने के लिए क्रूर तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
चीन-पाकिस्तान आर्थिक सहयोग का हिस्सा
यह सौदा चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग का एक उदाहरण है। चीन पहले से ही पाकिस्तान में CPEC (चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के तहत बड़े निवेश कर रहा है। गधों का आयात भी दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का एक तरीका है। हालांकि, इस सौदे को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या यह पाकिस्तान के हित में है या नहीं।
निष्कर्ष: क्या यह सौदा टिकाऊ है?
चीन द्वारा पाकिस्तान से गधे आयात करने का फैसला एक जटिल मुद्दा है, जिसके आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलू हैं। एक तरफ, यह पाकिस्तान के लिए आय का स्रोत बन सकता है, लेकिन दूसरी ओर, इससे गधों की आबादी पर खतरा मंडरा सकता है। अगर दोनों देशों ने इस व्यापार को नियंत्रित और टिकाऊ तरीके से नहीं चलाया, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।