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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में 15 दिसंबर 2024 को नागपुर में मंत्रिमंडल का पहला बड़ा विस्तार हुआ। इस समारोह में 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। यह शपथग्रहण समारोह रेशमबाग मैदान में आयोजित किया गया, जहां राज्यपाल ने मंत्रियों को शपथ दिलाई।
गठबंधन सरकार का संतुलन
फडणवीस सरकार के इस विस्तार में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेताओं को शामिल किया गया है। इस मंत्रिमंडल में सभी सहयोगी दलों को संतुलित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। भाजपा को सरकार में सबसे अधिक पद मिले हैं, जबकि शिवसेना और एनसीपी को भी प्रमुख विभागों में जगह दी गई है।
शपथ लेने वाले प्रमुख नेता
- एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
- भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को गृह, वित्त, और राजस्व जैसे प्रमुख विभाग मिलने की संभावना है।
- शिवसेना (शिंदे गुट) को शहरी विकास और पर्यावरण विभाग दिया जा सकता है।
एनसीपी (अजित पवार गुट) को कृषि, महिला एवं बाल विकास, और योजना विभाग मिल सकते हैं।
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राजनीतिक उद्देश्य और महत्व
इस विस्तार का उद्देश्य केवल प्रशासनिक कामकाज को बेहतर बनाना नहीं है, बल्कि आगामी विधानसभा शीतकालीन सत्र से पहले सरकार को मजबूत और स्थिर बनाना है। नागपुर में होने वाला यह सत्र राज्य के लिए कई अहम फैसलों का साक्षी बनेगा।
आगे की राह
विभागों का आधिकारिक बंटवारा आने वाले दिनों में घोषित किया जाएगा। इस विस्तार से सरकार को अधिक कार्यक्षमता और समावेशी नीति बनाने में मदद मिलेगी। फडणवीस ने इसे "महाराष्ट्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम" बताया है।
इस मंत्रिमंडल विस्तार को जनता और विपक्ष, दोनों की नजरों से परखा जा रहा है। वहीं, विपक्ष ने इसे "राजनीतिक संतुलन का दिखावा" बताते हुए आलोचना की है। फिर भी, सरकार का यह प्रयास आगामी विधानसभा सत्र में अपनी ताकत दिखाने और जनहित के मुद्दों पर काम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।