Published on: April 14, 2025

भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। उनके विचारों को आकार देने में कई महान विचारकों और गुरुओं का योगदान रहा। ज्योतिबा फुले के सामाजिक समानता के सिद्धांतों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया, जबकि कृष्ण केशव अंबेडकर ने उन्हें शिक्षा के महत्व से अवगत कराया। इन प्रभावों ने बाबा साहेब को एक क्रांतिकारी विचारक और समाज सुधारक बनने की प्रेरणा दी। आइए जानते हैं उनके जीवन और उनके गुरुओं के बारे में विस्तार से
बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म और प्रारंभिक संघर्ष
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू छावनी (वर्तमान डॉ. अंबेडकर नगर) में हुआ था। वे रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई की 14वीं संतान थे। उनका परिवार महार जाति से संबंधित था, जिसे उस समय "अछूत" माना जाता था।
अंबेडकर जी के बचपन का नाम भीमराव रामजी सकपाल था। उनके पिता सेना में सूबेदार थे और माता धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। बचपन से ही भीमराव असाधारण प्रतिभा के धनी थे, लेकिन जातिगत भेदभाव के कारण उन्हें कड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा।
1894 में परिवार सतारा चला गया, जहाँ भीमराव की माँ का निधन हो गया। इसके बाद उनकी देखभाल उनकी चाची ने की। 1897 में परिवार मुंबई आ गया, जहाँ भीमराव ने एल्फिंस्टन हाईस्कूल में प्रवेश लिया। 1906 में, मात्र 15 वर्ष की आयु में, उनका विवाह रमाबाई से हुआ।
अंबेडकर जी का जन्मदिन (14 अप्रैल) भारत में "संविधान दिवस" के रूप में मनाया जाता है। 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनका जन्मस्थल महू आज एक प्रमुख तीर्थस्थल बन चुका है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।
बाबा साहेब के गुरु और प्रेरणास्रोत
1. महात्मा ज्योतिबा फुले – सामाजिक क्रांति के पितामह
ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने भारत में शिक्षा और सामाजिक समानता के लिए अथक संघर्ष किया। उनके विचारों ने अंबेडकर को गहराई से प्रभावित किया। फुले का मानना था कि शिक्षा ही समाज में परिवर्तन ला सकती है, यही सिद्धांत बाबा साहेब के जीवन का आधार बना।
2. कृष्ण केशव अंबेडकर – शिक्षा और संस्कारों का मार्गदर्शन
कृष्ण केशव अंबेडकर, बाबा साहेब के बड़े भाई थे, जिन्होंने उन्हें शिक्षा के महत्व से परिचित कराया। उन्होंने ही अंबेडकर को मुंबई के एल्फिंस्टन कॉलेज में पढ़ने के लिए प्रेरित किया, जहाँ से उन्होंने अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान में डिग्री प्राप्त की।
3. प्रोफेसर जॉन ड्यूई – लोकतंत्र और समानता का दर्शन
कोलंबिया विश्वविद्यालय में अंबेडकर के गुरु प्रो. जॉन ड्यूई ने उन्हें लोकतांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों से अवगत कराया। ड्यूई के विचारों ने भारतीय संविधान के निर्माण में अंबेडकर के दृष्टिकोण को प्रभावित किया।
4. गुरु रामजी सखपाल – प्रारंभिक शिक्षा और संघर्ष की प्रेरणा
अंबेडकर के पिता, रामजी सखपाल ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा दी और समाज सेवा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बाबा साहेब को जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा दी।
5. धर्मानंद कोसंबी – बौद्ध धर्म की ओर अग्रसर
बौद्ध विद्वान धर्मानंद कोसंबी ने अंबेडकर को बौद्ध दर्शन से परिचित कराया। उनके प्रभाव से ही 1956 में बाबा साहेब ने बौद्ध धर्म अपनाया और लाखों दलितों को इससे जोड़ा।
निष्कर्ष: एक महान विचारक का निर्माण
बाबा साहेब अंबेडकर के विचारों को उनके गुरुओं और प्रेरणास्रोतों ने आकार दिया। ज्योतिबा फुले से लेकर कृष्ण केशव अंबेडकर तक, हर किसी ने उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका संघर्ष और शिक्षा आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।