Published on: April 23, 2025

22 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए, जिनमें भारतीय पर्यटक, स्थानीय निवासी और विदेशी नागरिक भी शामिल थे। यह घटना उस समय हुई जब पर्यटकों का एक समूह घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहा था। आतंकी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF), जो पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा का उपग्रह संगठन है, ने हमले की जिम्मेदारी ली। इस आतंकी हमले ने कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं, और भारतभर में इसकी कड़ी निंदा हो रही है।
बैसरन घाटी: कश्मीर का हरा-भरा स्वर्ग
बैसरन घाटी को अक्सर 'मिनी स्विट्ज़रलैंड' कहा जाता है। यह घाटी जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम क्षेत्र में स्थित है और यहां की सुंदरता को देखकर कोई भी अभिभूत हो सकता है। बर्फीले पहाड़, हरे-भरे मैदान और शांतिपूर्ण वातावरण इस क्षेत्र को पर्यटकों का आकर्षण बनाते हैं। बैसरन घाटी अमरनाथ यात्रा मार्ग पर भी स्थित है और हर साल यहां हजारों तीर्थयात्री आते हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से कश्मीर में आतंकवाद और सुरक्षा समस्याओं के कारण पर्यटन में गिरावट देखी गई है, फिर भी बैसरन घाटी का महत्व अपने स्थान और प्राकृतिक सौंदर्य के कारण बना हुआ है।
हमला: घटनाक्रम और प्रतिक्रिया
22 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 2:50 बजे, बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमले में कम से कम 28 लोग मारे गए, जिनमें भारतीय पर्यटक, दो स्थानीय निवासी और दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। आतंकवादियों ने पुलिसकर्मी का रूप धारण किया और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया। हमले के बाद इलाके में सुरक्षा बलों ने तत्परता से कार्रवाई की, लेकिन तब तक कई जिंदगियां छिन चुकी थीं।
'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक उपग्रह संगठन है। आतंकवादी संगठन ने इस हमले को कश्मीर में भारतीय सत्ता के खिलाफ एक संघर्ष के रूप में प्रस्तुत किया। इस हमले के बाद से कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं, और सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है।

राजनीतिक नेताओं और क्रिकेटरों की प्रतिक्रियाएँ
इस आतंकी हमले पर राजनीति और खेल जगत से भी प्रतिक्रिया मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और भारत की सुरक्षा बलों को इस हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाकर उन्हें सजा दिलवाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने श्रीनगर पहुंचकर घटनास्थल का दौरा किया और सुरक्षा बलों को आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "हमारा संकल्प मजबूत है, कश्मीर में आतंकवाद का सफाया किया जाएगा।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे 'मानवता के खिलाफ अपराध' बताया। उन्होंने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और यह भी कहा कि इस प्रकार के हमले कश्मीर की स्थिरता और शांति को नुकसान पहुंचाते हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से कश्मीर में शांति और सुरक्षा की स्थिति को पुनः स्थापित करने की अपील की।
क्रिकेट जगत का रिएक्शन
भारत के क्रिकेटरों ने भी इस आतंकी हमले पर अपनी चिंता और शोक व्यक्त किया। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने ट्विटर पर लिखा, "यह दिल दहला देने वाली घटना है। हम सभी पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं। कश्मीर में शांति की बहाली के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए।"
वहीं, विराट कोहली ने भी इस हमले की निंदा करते हुए इसे एक शर्मनाक कृत्य बताया और कहा कि "इस तरह के हमले मानवता के खिलाफ हैं और हमें मिलकर इस आतंकवाद का मुकाबला करना होगा।" भारतीय क्रिकेटरों के अलावा, पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ियों ने भी इस घटना की निंदा की और कश्मीर में शांति की अपील की।
टीम इंडिया के गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा, "हमेशा की तरह, हम इस प्रकार के हमलों के खिलाफ खड़े हैं। कश्मीर में शांति का पुनर्निर्माण किया जाना चाहिए और इसके लिए पूरी दुनिया को मिलकर काम करना होगा।"
कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा का भविष्य
यह आतंकी हमला कश्मीर घाटी में पर्यटन और सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। कश्मीर, जो पहले अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध था, अब आतंकवाद और हिंसा के कारण संकट में है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया कि चुनौतियाँ अभी भी बरकरार हैं।
कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ानी होगी और स्थानीय समुदायों के साथ संवाद स्थापित करना होगा। कश्मीर में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए सभी राजनीतिक दलों और सुरक्षा बलों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
बैसरन घाटी में हुआ यह आतंकी हमला कश्मीर घाटी में सुरक्षा और पर्यटन की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है। सरकार को चाहिए कि वह इस घटना से सीख लेकर कश्मीर में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठाए। आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर संवाद से कश्मीर में एक नई शुरुआत हो सकती है। इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि कश्मीर में शांति की बहाली एक जटिल कार्य है, लेकिन यह संभव है यदि हम सभी मिलकर इसके लिए काम करें।