Published on: March 5, 2025

समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और विधायक अबू आजमी को उत्तर प्रदेश विधानसभा से बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ यह कार्रवाई उनके विवादास्पद बयान को लेकर की गई, जिसमें उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा की थी। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया और सत्ता पक्ष ने उनके निलंबन की मांग उठाई।
अबू आजमी का बयान और विवाद
अबू आजमी ने हाल ही में औरंगजेब को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने उसे एक मजबूत और न्यायप्रिय शासक बताया था। उनके इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समेत कई हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे राष्ट्रविरोधी बताते हुए कार्रवाई की मांग की।
अबू आजमी के इस बयान के बाद यूपी विधानसभा में भारी हंगामा हुआ। भाजपा विधायकों ने उनका कड़ा विरोध किया और सरकार से मांग की कि उन्हें तत्काल निलंबित किया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया और इसे भारत की संस्कृति और इतिहास के साथ छेड़छाड़ बताया।
विधानसभा में निलंबन का प्रस्ताव
सत्ता पक्ष द्वारा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने के बाद विधानसभा में अबू आजमी के निलंबन का प्रस्ताव लाया गया। प्रस्ताव के पक्ष में भारी बहुमत से वोटिंग हुई और अंततः विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इस फैसले के बाद सपा विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस निलंबन की आलोचना की और कहा कि भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अबू आजमी ने जो कुछ भी कहा, वह ऐतिहासिक संदर्भ में था और इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया।

अबू आजमी का बचाव और जवाब
निलंबन के बाद अबू आजमी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा, "मैंने कोई गलत बात नहीं कही है। इतिहास को पढ़ने और समझने की जरूरत है। भाजपा सिर्फ ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और मुसलमानों को निशाना बना रही है।"
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार इतिहास से छेड़छाड़ कर रही है और मुगलों को गलत तरीके से पेश कर रही है। उन्होंने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि इतिहास को समझने की जरूरत है न कि केवल नफरत फैलाने की।
BJP का पलटवार
अबू आजमी के निलंबन पर भाजपा नेताओं ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत में औरंगजेब की विचारधारा के लिए कोई जगह नहीं है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा, "जो लोग भारत के असली नायकों को छोड़कर आक्रांताओं का महिमामंडन करेंगे, उनके लिए लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार देश विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अबू आजमी का बयान देश को बांटने की साजिश का हिस्सा है और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक प्रभाव और आगामी रणनीति
अबू आजमी का निलंबन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सपा और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान और तेज हो सकती है। सपा इस मुद्दे को अल्पसंख्यक राजनीति से जोड़कर चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है, जबकि भाजपा इसे हिंदुत्व की राजनीति को मजबूत करने के लिए प्रयोग कर सकती है।
इसके अलावा, अबू आजमी के इस निलंबन से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि वह महाराष्ट्र में भी सपा के बड़े चेहरे माने जाते हैं।