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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की उम्र में 20 दिसंबर 2024 को निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। चौटाला लंबे समय से बीमार चल रहे थे और हाल ही में उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति में शोक की लहर है।
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सफर
ओम प्रकाश चौटाला का जन्म 1 जनवरी 1935 को पंजाब (अब हरियाणा) के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ था। वह भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के पुत्र थे। अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए, ओम प्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में एक अहम भूमिका निभाई।
चौटाला ने पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने पहली बार 1989 में मुख्यमंत्री पद संभाला और 2005 तक अलग-अलग समय पर इस पद पर रहे। उनके नेतृत्व में हरियाणा में कई विकास परियोजनाओं को लागू किया गया, जिनमें कृषि और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यकाल की उपलब्धियां
चौटाला के कार्यकाल को उनकी प्रशासनिक क्षमताओं और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए याद किया जाता है। उन्होंने किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। उनके नेतृत्व में हरियाणा में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया गया।
विवाद और कानूनी मुश्किलें
उनका राजनीतिक जीवन विवादों से भी घिरा रहा। 2013 में, उन्हें जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (JBT) शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी ठहराया गया और 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई। इसके अलावा, 2022 में उन्हें आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सजा दी गई।
पारिवारिक जीवन
ओम प्रकाश चौटाला का विवाह स्नेह लता से हुआ था, जो 2019 में इस दुनिया से विदा हो गईं। उनके दो पुत्र, अजय चौटाला और अभय चौटाला, और एक पुत्री सुनीता हैं। उनके पोते दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहे हैं।
निधन पर शोक संदेश
ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चौटाला का निधन राज्य के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके अनुयायियों और समर्थकों ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
ओम प्रकाश चौटाला का जीवन संघर्ष, सफलता और विवादों से भरा रहा। उन्होंने हरियाणा की राजनीति को न केवल आकार दिया बल्कि राज्य के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई। उनके निधन से न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे हरियाणा को गहरी क्षति हुई है।
ओम प्रकाश चौटाला का नाम हरियाणा की राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी विरासत और उनके द्वारा किए गए कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।