Published on: April 20, 2025

भारत के बिहार राज्य का मधुबनी जिला अपने अनोखे रेलवे कनेक्शन के कारण विशेष पहचान रखता है। यह देश का एकमात्र ऐसा जिला है जहाँ भारत और नेपाल दोनों के रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, और दोनों देशों की ट्रेनें इसी ज़िले से होकर गुजरती हैं। जयनगर रेलवे स्टेशन भारत का है जबकि नेपाल का जनकपुरधाम स्टेशन भी यहीं से जुड़ा हुआ है। यह रेलवे मार्ग सिर्फ एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने का जरिया नहीं, बल्कि भारत-नेपाल के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक संबंधों को भी मज़बूती देता है।
भारतीय रेलवे: ऐतिहासिक झलक
भारतीय रेलवे की नींव 16 अप्रैल 1853 को रखी गई थी, जब मुंबई से ठाणे के बीच पहली यात्री ट्रेन चली। यह 34 किलोमीटर की दूरी थी, लेकिन इसने एक विशाल और प्रभावशाली रेलवे नेटवर्क की शुरुआत की, जो आज दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है। भारतीय रेलवे न केवल देश के आर्थिक ढांचे का आधार बना, बल्कि इसने गांवों, कस्बों और शहरों को जोड़ते हुए सामाजिक समरसता को भी मज़बूत किया।
आज भारतीय रेलवे न केवल देश की सीमाओं में सिमटा हुआ है, बल्कि वह पड़ोसी देशों के साथ भी रेल कनेक्टिविटी के माध्यम से संबंधों को और गहरा कर रहा है। इस दिशा में भारत-नेपाल रेलवे मार्ग एक बेहतरीन उदाहरण है।
भारत का अनोखा जिला: मधुबनी और जयनगर–जनकपुर रेल संपर्क
बिहार के मधुबनी जिले में स्थित जयनगर रेलवे स्टेशन भारत-नेपाल रेलवे सेवा का प्रमुख केंद्र है। यहीं से नेपाल के जनकपुरधाम रेलवे स्टेशन के लिए सीधी ट्रेन सेवा चलाई जाती है। यह रूट दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक, धार्मिक और सामाजिक संबंधों को दर्शाता है।
जनकपुरधाम को माता सीता की जन्मभूमि माना जाता है, इसलिए यह स्थान हिंदू श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही पवित्र है। वहीं, जयनगर स्टेशन भारतीय रेलवे का हिस्सा है और इसे नेपाल रेलवे से जोड़ने के लिए विशेष ट्रेन चलाई जाती है। इस रेल मार्ग पर नेपाल रेलवे की "जनकपुर-जयनगर ट्रेन" नियमित रूप से संचालित होती है, जो सीमा पार यात्रियों के लिए सुविधाजनक और सुलभ विकल्प प्रदान करती है।
यह रेल सेवा सिर्फ पर्यटन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देती है। हजारों लोग इस मार्ग से रोज़ाना यात्रा करते हैं, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

भारत-नेपाल रेल लिंक और कोंकण रेलवे की भूमिका:
भारत और नेपाल के बीच चलने वाली जयनगर-जनकपुरधाम-बिजलपुरा रेल सेवा की निगरानी और प्रबंधन कोंकण रेलवे (Konkan Railway Corporation Limited) द्वारा किया जाता है।
कोंकण रेलवे, जो मुख्यतः महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक के समुद्री तटवर्ती इलाकों में अपनी इंजीनियरिंग कुशलता के लिए जाना जाता है, इस अंतरराष्ट्रीय रेल संपर्क में तकनीकी सहायता, मेंटेनेंस, ट्रैक अपग्रेडेशन और संचालन में सहयोग प्रदान कर रहा है।
कोंकण रेलवे की जिम्मेदारियां:
ट्रैक का निर्माण और रखरखाव
रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण
नेपाल रेलवे के कर्मचारियों को तकनीकी प्रशिक्षण
इलेक्ट्रिक और डीज़ल इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख
समयबद्ध संचालन सुनिश्चित करना
निष्कर्ष:
मधुबनी जिले का जयनगर रेलवे स्टेशन सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट हब नहीं, बल्कि भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक बन चुका है। इसकी देखरेख का जिम्मा जब कोंकण रेलवे जैसी विश्वसनीय संस्था को मिला, तो इसने इस परियोजना को नई ऊँचाइयाँ दीं। अगर आप कभी बिहार की यात्रा करें, तो इस खास रेल रूट को अपने अनुभव में जरूर जोड़ें — यह न सिर्फ एक यात्रा होगी, बल्कि दो देशों की साझा विरासत से जुड़ने का अनुभव भी।