Published on: March 13, 2025

बलूचिस्तान के बोलान दर्रे में हुए ट्रेन हाईजैक ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया। जाफर एक्सप्रेस पर हमले के बाद आतंकवादियों ने यात्रियों को बंधक बना लिया। 24 घंटे के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सुरक्षा बलों ने 122 यात्रियों को बचा लिया और 33 आतंकियों को मार गिराया। इस हमले में कई यात्रियों की मौत हो गई, जबकि बचे हुए लोगों ने दिल दहला देने वाली कहानियाँ साझा कीं।
कैसे हुआ ट्रेन हाईजैक?
यह घटना पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में घटी, जहां BLA के आतंकवादियों ने एक यात्री ट्रेन को हाइजैक कर लिया। आतंकवादियों ने ट्रेन को रोककर यात्रियों को बंधक बना लिया और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ शुरू कर दी। घटना के बाद पाकिस्तानी सेना और पुलिस ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया, जो 24 घंटे तक चला।
मंगलवार सुबह जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर के लिए रवाना हुई थी। जैसे ही ट्रेन बलूचिस्तान के बोलान दर्रे से गुजर रही थी, आतंकवादियों ने पटरी पर विस्फोट कर दिया, जिससे ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए।
इसके तुरंत बाद, करीब 20-25 सशस्त्र आतंकवादियों ने ट्रेन पर धावा बोल दिया और यात्रियों को बंधक बना लिया। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए सरकार से अपने राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की।

रेस्क्यू ऑपरेशन: 24 घंटे की चुनौतीपूर्ण लड़ाई
पाकिस्तानी सेना, फ्रंटियर कोर (FC) और स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) कमांडो ने मिलकर एक समन्वित ऑपरेशन शुरू किया। लेकिन ऑपरेशन आसान नहीं था, क्योंकि आतंकियों ने यात्रियों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
- पहला चरण: सेना ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और आतंकियों को घेरने की रणनीति अपनाई।
- दूसरा चरण: ड्रोन और हेलीकॉप्टरों से निगरानी शुरू हुई, जिससे आतंकियों के ठिकाने का पता लगाया गया।
- तीसरा चरण: कमांडो ने ट्रेन के अंदर घुसकर एक-एक कर आतंकियों को मार गिराया।
अंततः, 24 घंटे के संघर्ष के बाद, 122 यात्रियों को बचा लिया गया, जबकि 33 आतंकवादी ढेर हो गए।
अधिकारिक तौर पर 21 यात्रियों और 4 जवानों की मौत की पुष्टि हुई है। लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। इसीलिए, सरकार ने क्वेटा और आसपास के अस्पतालों में 200 से अधिक ताबूत भेजे हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात कितने भयावह थे।

पीड़ितों की दर्दनाक कहानी
बचे हुए यात्रियों ने अपनी आपबीती सुनाई। एक यात्री, 35 वर्षीय इमरान खान, ने बताया:
"जब ट्रेन पर हमला हुआ, तो गोलियों की बौछार होने लगी। आतंकवादी डिब्बों में घुसकर लोगों को खींच रहे थे। कुछ ने जान बचाने के लिए खिड़कियों से छलांग लगा दी, लेकिन उन्हें भी गोली मार दी गई। मैं अपनी सीट के नीचे छिपा रहा और सांस तक रोक ली। 24 घंटे मौत के साए में बिताए!"
एक अन्य यात्री, रुखसाना बेगम, जो अपने तीन बच्चों के साथ सफर कर रही थीं, ने कहा:
"आतंकवादी कह रहे थे कि वे सिर्फ बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन वे निर्दोष लोगों को मार रहे थे। मेरे बगल में बैठे आदमी को गोली मार दी गई। मेरे बच्चे डर से कांप रहे थे, और मैं बस प्रार्थना कर रही थी कि हम बच जाएं।"
BLA का इरादा और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
BLA ने इस हाइजैक की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह पाकिस्तान सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई का हिस्सा है। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और BLA के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों को माफ नहीं किया जाएगा और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता पैदा की है। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान में आतंकवाद की इस घटना की निंदा की है और सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है। भारत ने भी इस घटना पर गहरी चिंता जताई है और पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
पाकिस्तान में यह ट्रेन हाइजैक की घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इसके खिलाफ लड़ाई में सभी देशों को एकजुट होना होगा। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की बहादुरी और समर्पण ने 122 यात्रियों की जान बचाई, लेकिन यह घटना देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।