Published on: May 13, 2025

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और लीजेंड बल्लेबाज विराट कोहली ने 14 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका दौरे के अंतिम टेस्ट के बाद यह फैसला सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया। कोहली ने 113 टेस्ट मैचों में 8,848 रन बनाए, जिसमें 29 शतक और 30 अर्धशतक शामिल हैं। वह विश्व क्रिकेट में सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे और अब वह सफेद गेंद (वनडे और T20) क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनके इस फैसले से पूरा क्रिकेट जगत भावुक हो गया है।
ऐतिहासिक करियर: डेब्यू से लेकर कप्तानी तक
शुरुआती संघर्ष और सफलता की कहानी (2011-2014)
विराट कोहली ने 20 जून 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्स्टन टेस्ट में पदार्पण किया था। शुरुआत में उन्हें इंग्लैंड की धुंधली सर्दियों में संघर्ष करना पड़ा, लेकिन 2012 में एडिलेड टेस्ट में पहला शतक (116 रन) लगाकर उन्होंने अपनी क्षमता साबित की। 2013-14 में दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार प्रदर्शन ने उन्हें टीम का स्थायी सदस्य बना दिया।
कप्तानी का दायित्व और टीम इंडिया का उत्थान (2014-2019)
2014 में एमएस धोनी के संन्यास के बाद कोहली को टेस्ट कप्तानी मिली। उन्होंने भारत को विश्व की नंबर-1 टेस्ट टीम बनाने में अहम भूमिका निभाई। 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ 593 रन और 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत उनके करियर के सबसे बड़े पल थे।
रिकॉर्ड और उपलब्धियाँ
सबसे तेज 8,000 टेस्ट रन बनाने वाले एशियाई बल्लेबाज
7 दोहरे शतक (भारतीय कप्तान के रूप में सर्वाधिक)
ICC टेस्ट टीम ऑफ द डिकेड (2011-2020) में शामिल
2018 में ICC टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर

टेस्ट क्रिकेट से विदाई: क्या कहा कोहली ने?
संन्यास की घोषणा और भावुक संदेश
कोहली ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए अपने फैसले की जानकारी दी:
"टेस्ट क्रिकेट मेरे लिए हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रहा है। 14 साल के इस अद्भुत सफर के बाद मैं अपना आखिरी टेस्ट खेल चुका हूँ। मैं टीम, कोचिंग स्टाफ और प्रशंसकों का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे हर कदम पर सपोर्ट किया। अब समय आ गया है कि मैं अगली पीढ़ी को रास्ता दूं।"
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएँ
रोहित शर्मा (भारतीय कप्तान): "विराट ने टेस्ट क्रिकेट को नई परिभाषा दी। उनका जाना एक युग का अंत है।"
केनेथ विलियमसन (न्यूजीलैंड): "वह एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में डरावने थे, लेकिन उनके खेल ने सभी को प्रेरित किया।"
सचिन तेंदुलकर: "उन्होंने भारतीय क्रिकेट को गर्व महसूस कराया।"
निष्कर्ष: एक युग का अंत
कोहली ने अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है, लेकिन वह भविष्य में युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दे सकते हैं। उनकी फिटनेस और टेक्निकल एकेडमी भी शुरू होने की अफवाहें हैं। विराट कोहली का आक्रामक बल्लेबाजी शैली, अनुशासित फिटनेस और जुनून भारतीय क्रिकेट को हमेशा याद रहेगा। टेस्ट क्रिकेट में उनकी विरासत अगली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। अब क्रिकेट प्रेमी उन्हें वनडे और T20 में देखने के लिए उत्सुक हैं।