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केंद्र सरकार ने 11 दिसंबर 2024 को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' (One Nation, One Election) प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस पहल का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित करना है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके और बार-बार होने वाले चुनावों की वजह से आने वाली व्यवधानों को खत्म किया जा सके।
मुख्य विशेषताएं
- समिति की सिफारिशें:
इस प्रस्ताव को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति द्वारा तैयार की गई सिफारिशों के आधार पर स्वीकृत किया गया है। इस समिति ने 18,000 से अधिक पृष्ठों की रिपोर्ट तैयार की, जिसमें व्यापक शोध और हितधारकों के साथ परामर्श शामिल था। - चरणबद्ध कार्यान्वयन:
प्रस्ताव के अनुसार, चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव होंगे। दूसरे चरण में शहरी निकायों और पंचायतों के चुनाव 100 दिनों के भीतर पूरे किए जाएंगे। - संविधान संशोधन की जरूरत:
इस योजना को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 83, 172 और अन्य प्रावधानों में संशोधन करना होगा। नई धाराएं, जैसे अनुच्छेद 82ए, यह सुनिश्चित करेंगी कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों की समयसीमा एक साथ समाप्त हो। - लाभ:
- नीति स्थिरता: बार-बार चुनाव होने से नीति निर्माण में आने वाली रुकावटें समाप्त होंगी।
- मतदाता थकावट में कमी: एक साथ चुनाव होने से मतदाता बार-बार मतदान प्रक्रिया से नहीं गुजरेंगे।
- खर्च में बचत: सरकार और चुनाव आयोग के वित्तीय संसाधनों की बचत होगी।
आगे की प्रक्रिया
अब यह प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। विधेयक को पास होने के लिए दोनों सदनों की मंजूरी आवश्यक होगी।
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल भारतीय लोकतंत्र को आधुनिक बनाने और चुनाव प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल न केवल संसाधनों की बचत करेगी, बल्कि देश के विकास में स्थिरता भी सुनिश्चित करेगी।