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प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के समय भारी भीड़ के दबाव से भगदड़ मच गई, जिससे कई श्रद्धालुओं के हताहत होने की आशंका है। प्रशासन ने स्थिति को काबू में करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) को तैनात कर दिया है और यात्रा प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया गया है।
कैसे हुई भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना देर रात लगभग डेढ़ बजे की है, जब संगम तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ तेजी से बढ़ रही थी। स्नान की पवित्र घड़ी जैसे-जैसे करीब आई, वैसे-वैसे श्रद्धालु सुरक्षा घेरों को तोड़कर आगे बढ़ने लगे।
भीड़ इतनी अधिक थी कि कुछ लोग धक्का-मुक्की का शिकार हो गए और गिर पड़े। देखते ही देखते यह स्थिति भयावह भगदड़ में बदल गई। इस दौरान चीख-पुकार मच गई और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई श्रद्धालु दबकर घायल हो गए, जबकि कुछ की दुर्भाग्यवश मौत हो गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और राहत कार्य तेजी से किया जाए।
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प्रमुख कदम:
- 8 से अधिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द किया गया ताकि अधिक भीड़ प्रयागराज न पहुंचे।
- यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिया गया, जिससे बाहरी वाहनों का प्रवेश रोका जा सके।
- CCTV और ड्रोन की निगरानी बढ़ा दी गई ताकि स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सके।
- घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया और डॉक्टरों की एक विशेष टीम लगाई गई।
- स्नान घाटों पर सुरक्षा घेरा बढ़ाया गया ताकि आगे कोई हादसा न हो।
- श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की गई और उन्हें संगम क्षेत्र में भीड़भाड़ से बचने की सलाह दी गई।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने का निर्देश दिया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा:
"प्रयागराज में हुई भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ। केंद्र सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है।"
अखाड़ा परिषद का बयान
अखाड़ा परिषद ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें और किसी भी स्थान पर स्नान करके मौनी अमावस्या का पुण्य लाभ प्राप्त करें। साधु-संतों के अमृत स्नान को लेकर भी पुनर्विचार किया जा रहा है।
स्थिति अब कैसी है?
प्रशासन ने महाकुंभ क्षेत्र में बाहरी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है और सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन निगरानी लगातार जारी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ हर साल उमड़ती है, लेकिन भीड़ प्रबंधन में थोड़ी सी चूक भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। प्रशासन अब पूरी सतर्कता बरत रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं को भी संयम और सतर्कता बरतने की जरूरत है।