महाकुंभ 2025 का समापन आज: महाशिवरात्रि पर संगम में अंतिम स्नान के लिए उमड़ी भीड़ | 10 प्रमुख बातें

Published on: February 26, 2025

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प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व के साथ समापन हो रहा है। इस शुभ अवसर पर संगम तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में अंतिम शाही स्नान करने पहुंचे हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति का शुभ अवसर माना जाता है।

महाशिवरात्रि का दिन वैसे भी भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और जब यह पर्व महाकुंभ के साथ जुड़ जाता है, तो इसकी महिमा और भी बढ़ जाती है। इस विशेष स्नान के चलते प्रयागराज में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

आइए जानते हैं महाकुंभ 2025 के समापन और अंतिम स्नान से जुड़ी 10 प्रमुख बातें:

1. संगम में आस्था की डुबकी, मोक्ष की कामना

महाशिवरात्रि के शुभ दिन पर संगम में स्नान करने का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। लाखों श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति और जीवन के कष्टों से मुक्ति की कामना लेकर पवित्र स्नान कर रहे हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि महाकुंभ में संगम स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और आत्मा शुद्ध होती है।

2. अखाड़ों और संतों की भव्य उपस्थिति

महाकुंभ के अंतिम शाही स्नान में 13 प्रमुख अखाड़ों के संत और महामंडलेश्वर शामिल हो रहे हैं। नागा साधु, तपस्वी, महामंडलेश्वर और अन्य संत अपने अनुयायियों के साथ पारंपरिक तरीके से स्नान कर रहे हैं। अखाड़ों का शोभायात्रा निकालने की परंपरा भी पूरी श्रद्धा और भव्यता के साथ निभाई जा रही है।

3. महाशिवरात्रि का विशेष महत्व

महाशिवरात्रि को भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का शुभ दिन माना जाता है। इस दिन संगम में स्नान और भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वजह से साधु-संतों से लेकर आम भक्तों तक, सभी संगम में स्नान करने के लिए उत्साहित हैं।

 

4. प्रयागराज में कड़ी सुरक्षा, पुलिस हाई अलर्ट पर

महाकुंभ के अंतिम दिन भारी भीड़ को देखते हुए 50,000 से अधिक पुलिसकर्मी, पैरा-मिलिट्री फोर्स, ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी कैमरे तैनात किए गए हैं। संगम क्षेत्र, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और प्रमुख मार्गों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।

अतिरिक्त जवानों की तैनाती
ड्रोन कैमरों से लगातार निगरानी
 संगम क्षेत्र में नावों से पेट्रोलिंग
महत्वपूर्ण स्थलों पर बम निरोधक दस्ते की तैनाती

सरकार और पुलिस प्रशासन श्रद्धालुओं से शांति, अनुशासन और सफाई बनाए रखने की अपील कर रहा है।

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5. करोड़ों तीर्थयात्रियों की भीड़, प्रशासन सतर्क

महाशिवरात्रि और अंतिम स्नान के चलते एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के प्रयागराज पहुंचने की संभावना है। इसके चलते प्रशासन रेलवे स्टेशनों, बस स्टॉप, पार्किंग स्थलों और प्रमुख सड़कों पर विशेष प्रबंधन कर रहा है।

रेलवे ने चलायीं विशेष ट्रेनें
शहर में ट्रैफिक डायवर्जन लागू
अस्थायी बस स्टॉप और पार्किंग व्यवस्था

6. हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा, भव्य स्वागत

श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए हेलीकॉप्टर से संगम क्षेत्र में पुष्पवर्षा की जा रही है। यह दृश्य भक्तों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया है। साथ ही, शिवभक्त "हर हर महादेव" और "बोल बम" के जयघोष के साथ माहौल को पूरी तरह शिवमय बना रहे हैं।

 

7. महाकुंभ 2025: ऐतिहासिक आयोजन

महाकुंभ 2025 को अब तक का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जा रहा है। इस बार प्रयागराज कुम्भ में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा-स्नान कर चुके हैं। यह संख्या इसे इतिहास के सबसे विशाल धार्मिक आयोजनों में शामिल कर देती है।

8. भजन-कीर्तन और धार्मिक प्रवचन

संगम तट पर संतों के प्रवचन, भजन-कीर्तन और गंगा आरती का विशेष आयोजन किया जा रहा है। शिवरात्रि की रात को जागरण और शिवमहिम्न स्तोत्र का पाठ भी हो रहा है। पूरे क्षेत्र में "ॐ नमः शिवाय" के मंत्रों की गूंज सुनाई दे रही है।

9. विदेशी श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आकर्षण

महाकुंभ केवल भारतीयों के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण केंद्र है। अमेरिका, यूरोप, जापान, रूस और अन्य देशों से हजारों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे हैं, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनुभव कर रहे हैं।

 

10. अगले महाकुंभ की प्रतीक्षा शुरू

महाकुंभ 2025 का समापन होने के साथ ही, अब श्रद्धालु हरिद्वार में 2031 में होने वाले अगले कुंभ मेले का इंतजार करने लगे हैं। इस बार का कुंभ करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उत्थान और आस्था की अद्भुत यात्रा साबित हुआ है।

महाकुंभ 2025 भले ही आज समाप्त हो रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं के दिलों में इसकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी। इस आध्यात्मिक यात्रा ने श्रद्धालुओं को मोक्ष, भक्ति और आस्था का अनुपम अनुभव दिया है।

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हर-हर महादेव के जयघोष के साथ यह भव्य आयोजन अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन आस्था की यह लहर कभी नहीं थमेगी।

 

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