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दिल्ली में आज यानी 5 फरवरी 2025 को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। राजधानी की 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हुई और शाम 6 बजे तक चलेगी। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं, जो यह दर्शाती हैं कि जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए कितनी उत्साहित है। चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे, जिससे यह तय होगा कि दिल्ली की सत्ता पर कौन सा दल काबिज होगा।
गहमागहमी के बीच चुनावी माहौल
दिल्ली में इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प और रोमांचक हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच जबरदस्त मुकाबला देखा जा रहा है। मतदान से पहले सभी पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदारों में आम आदमी पार्टी की आतिशी, भाजपा के विजय गोयल और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली प्रमुख चेहरों के रूप में उभरकर सामने आए हैं।
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि इस बार जनता के मुद्दे पहले से ज्यादा स्पष्ट हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और प्रदूषण जैसे विषयों पर मतदाता खास ध्यान दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी जहां अपनी मुफ्त बिजली-पानी और बेहतर स्कूल-अस्पताल मॉडल को लेकर मैदान में उतरी है, वहीं भाजपा कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा और केंद्र सरकार की योजनाओं को अपना मुख्य आधार बना रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस खुद को विकल्प के रूप में पेश कर रही है और जनता को याद दिला रही है कि दिल्ली में कभी उसका भी मजबूत शासन हुआ करता था।
मतदान केंद्रों पर भारी भीड़, युवाओं में जोश
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से खबरें आ रही हैं कि मतदाताओं में जबरदस्त जोश देखा जा रहा है। कालकाजी, चांदनी चौक, करोल बाग, लक्ष्मी नगर जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में लोग मतदान के लिए उमड़े। खासकर युवा मतदाता इस बार पूरे जोश के साथ अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि पहली बार 18 से 21 साल के मतदाताओं की संख्या इतनी अधिक देखी गई है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिल्ली के युवा मतदाता हमेशा से निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। इस बार भी वे उसी ऊर्जा के साथ वोटिंग कर रहे हैं। उधर, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही।
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बड़े नेताओं ने किया मतदान, जनता से की अपील
मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी ने कालकाजी में अपने परिवार के साथ मतदान किया और कहा कि दिल्ली को विकास की राह पर बनाए रखने के लिए जनता को सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। वहीं, भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी मतदान कर कहा कि दिल्ली को स्थिर और मजबूत सरकार की जरूरत है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और लोगों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में बाहर निकलें और वोट करें।
क्या कहते हैं एग्जिट पोल और जनता की राय?
मतदान खत्म होने के बाद विभिन्न एग्जिट पोल सामने आएंगे, जो यह संकेत देंगे कि जनता किसे पसंद कर रही है। हालांकि, आम जनता से बातचीत करने पर यह पता चलता है कि कई मतदाता इस बार मुद्दों पर वोट कर रहे हैं न कि केवल चेहरे देखकर। जनता मुफ्त सुविधाओं, विकास कार्यों और भविष्य की योजनाओं के आधार पर अपना निर्णय ले रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार का चुनाव पारंपरिक पैटर्न से अलग हो सकता है। अगर आम आदमी पार्टी अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखती है तो उसे लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का मौका मिल सकता है। वहीं, भाजपा अगर नए मतदाताओं को प्रभावित करने में सफल रहती है तो वह भी सत्ता की दौड़ में आ सकती है। कांग्रेस को पुनर्जीवित होने के लिए काफी मेहनत करनी होगी।
अंतिम फैसला शनिवार को
अब सबकी नजरें 8 फरवरी 2025 को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। उस दिन यह तय हो जाएगा कि दिल्ली की सत्ता किसके हाथ में जाएगी। फिलहाल, दिल्ली के मतदाता अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी निभा रहे हैं और मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में जुट रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता का फैसला किस दिशा में जाता है। क्या दिल्ली में मौजूदा सरकार अपनी पकड़ बरकरार रख पाएगी, या सत्ता परिवर्तन होगा? यह जवाब अब कुछ ही दिनों में मिल जाएगा।